रूसी उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मिले पीएम मोदी

National World

(नई दिल्ली) 12नवम्बर,2024.

रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव भारत के दौरे पर हैं। उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार एवं आर्थिक संबंधों, ऊर्जा और संपर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

इससे विदेश मंत्री एस जयशंकर और डेनिस मंटुरोव ने मुंबई में भारत-रूस बिजनेस फोरम में रूसी और भारतीय व्यवसायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। यह मुलाकात नई दिल्ली में आयोजित होने वाले अंतर-सरकारी रूसी-भारतीय आयोग के 25वें सत्र से पहले हुई।

उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, रूस के प्रथम उप प्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव से मिलकर खुशी हुई। यह देखकर खुशी हुई कि भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरी हालिया यात्राओं और बैठकों के दौरान लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए दोनों पक्षों की टीमें मिलकर काम कर रही हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी हालिया यात्राओं और बैठकों के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन के लिए दोनों पक्षों की टीमों द्वारा किए जा रहे निरंतर और संयुक्त प्रयासों का स्वागत किया है। मंटुरोव और विदेश मंत्री जयशंकर मंगलवार को व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 25वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे।

भारत और रूस ने पैंट्सिर वेरिएंट समझौते पर हस्ताक्षर किए:
भारत में रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के एक प्रमुख उपक्रम ने पैंट्सिर वायु रक्षा मिसाइल-गन प्रणाली के वेरिएंट पर सहयोग के लिए रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पैंट्सिर वायु रक्षा प्रणाली ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसे अहम सैन्य और औद्योगिक केंद्रों को हवाई खतरों से बचाने व वायु रक्षा इकाइयों को मजबूत बनाने के लिए बनाया गया है।

रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (डीपीएसयू) के अनुसार, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के बीच समझौता ज्ञापन पर हाल ही में गोवा में पांचवें आईआरआईजीसी (भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग उपसमूह) के दौरान हस्ताक्षर किए गए। बीडीएल को 1970 में रक्षा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्देशित मिसाइल प्रणालियों और संबद्ध उपकरणों का निर्माण करना था। बीडीएल का मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है(साभार एजेंसी)

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