(बरेली UP)01दिसम्बर,2024.
बरेली में रिंग रोड बनाने से जाम से मुक्ति मिलेगी ही, शहर के विकास को भी गति मिलेगी। रिंग रोड के किनारे ही नए आवासीय प्रोजेक्ट और औद्योगिक पार्क भी प्रस्तावित है।
दूसरे राज्यों और शहरों से आने वाले ट्रैफिक को अनावश्यक रूप से बरेली में प्रवेश से रोकने के लिए बन रही 59 किमी लंबी रिंग रोड बरेली के विकास का गलियारा भी खोलेगी। इसके बनने से आठ साल से अटकी टेक्सटाइल पार्क परियोजना पूरी हो सकेगी। आईटी पार्क, एमएसएमई इंटीग्रेटेड टाउनशिप जैसी योजनाओं को भी शुरू किया जा सकेगा। इन परियोजनाओं के पूरा होने से जहां बरेली के विकास में तेजी आएगी, वहीं युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके भी मुहैया हो सकेंगे।
बरेली में रोजगार सृजन और नोएडा जैसे अपैरल हब को कच्चे माल की आपूर्ति के लिए वर्ष 2015-16 में टेक्सटाइल पार्क बनाए जाने की योजना बनी थी। तत्कालीन केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री व स्थानीय सांसद संतोष गंगवार के कार्यकाल में इस टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी भी शहर में औद्योगिक विकास की जरूरत को देखते हुए मिल गई थी। यह टेक्सटाइल पार्क करीब 25 हेक्टेयर जमीन पर रजऊ परसपुर गांव के पास विकसित किया जाना है।
यहां मौजूद जमीन के भू-उपयोग परिवर्तन के लिए अधिक शुल्क और पहुंच मार्ग की दिक्कतों की वजह से यह प्रोजेक्ट फंसा रहा। राज्य सरकार से शुल्क में छूट मिलने के बाद भी पहुंच मार्ग नहीं बन पाने की वजह से इस पर काम शुरू नहीं हो सका। अब रिंग रोड बनने के बाद टेक्सटाइल पार्क के लिए पहुंच मार्ग की अंतिम बाधा भी दूर हो जाएगी।
औद्योगिक पार्क भी है प्रस्तावित:
बरेली विकास प्राधिकरण के आर्किटेक्ट कंसल्टेंट सुमित अग्रवाल ने बताया कि टेक्सटाइल पार्क के अलावा, महायोजना 2031 में रिंग रोड पर लघु और मध्यम उद्योगों के लिए कई जगह भू-उपयोग चिह्नित किया गया है। रिंग रोड के दूसरे चरण में शामिल बल्ला कोठा गांव की जमीन पर औद्योगिक पार्क बनना है। इस पर निजी विकासकर्ता द्वारा निवेश किया जाना है। रसूला के चौधरी, रहपुरा जागीर, फतेहगंज पश्चिमी में भी लघु और मध्यम उद्योग लगाए जा सकेंगे।
प्रस्तावित रिंग रोड पर ही झुमका चौराहा के पास 100 हेक्टेयर जमीन पर खुद प्राधिकरण की एमएसएमई इंटीग्रेटेड इंडस्टि्रयल टाउनशिप प्रस्तावित है। इसी के पास नया ट्रांसपोर्टनगर विकसित किया जाना है। रिंग रोड पर ही निजी क्षेत्र और प्राधिकरण द्वारा अलग-अलग जगहों पर आवासीय परियोजनाएं विकसित की जानी हैं। आईटी पार्क में सूचना प्रोद्योगिकी से जुड़े उद्योग विकसित होंगे। अगले 10 साल में यहां सूरत बदली हुई नजर आएगी(साभार एजेंसी)