मध्य कमान के सात वायुसेना स्टेशनों पर हाई अलर्ट,परखी गईं तैयारियां

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)08मई,2025.

यूपी स्थित मध्य कमान के वायुसेना स्टेशन अलर्ट पर हैं। बीकेटी वायुसेना स्टेशन से वर्तमान में भले ही फाइटर जेट उड़ान न भर रहे हों, पर स्टेशन का रनवे अपडेट है। नए रडार लगाए गए हैं। हैंगर भी बनाया गया है। अपग्रेडेशन के बाद यहां ग्लोबमास्टर को भी उतारा जा चुका है। यहां से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए लड़ाकू विमानों की आवाजाही की तैयारी पूरी है। ऐसे ही प्रदेश के छह अन्य वायुसेना स्टेशन भी हाई अलर्ट पर हैं। पाकिस्तान पर जवाबी हमला करने के लिए सुखोई से लेकर प्रीडेटर ड्रोन तक मुस्तैद किए गए हैं।

मध्य वायु कमान ने बुधवार को सभी वायुसेना स्टेशनों की तैयारियों का जायजा लिया। कमान के तहत प्रदेश में बीकेटी, सरसावां (सहारनपुर), हिंडन, चकेरी, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर स्थित एयरफोर्स स्टेशन आते हैं। इन स्टेशनों से वायुसेना पाकिस्तान ही नहीं, चीन तक को जवाब देने में सक्षम है। बीकेटी वायुसेना स्टेशन का अपग्रेडेशन का काम वर्ष 2016 में शुरू हुआ था। यह स्टेशन अपग्रेड हो चुका है। हालांकि अभी यहां कोई नई स्क्वाड्रन तैनात नहीं है। सूत्र बताते हैं कि जरूरत पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में बीकेटी स्टेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। अपग्रेडेशन के बाद यहां एयर शो भी कराया गया था, जहां जांबाजों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया था।

सुखोई से प्रीडेटर ड्रोन तक हैं हमारे रखवाले:
बरेली वायुसेना स्टेशन पर लड़ाकू विमान सुखोई की स्क्वाड्रन तैनात है। प्रयागराज के बमरौली में हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन है। आगरा के वायुसेना स्टेशन पर ग्लोबमास्टर जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और पैरा कमांडो टीम है। सहारनपुर सरसांवा में प्रीडेटर ड्रोन, सी-295 एयरक्राफ्ट की ट्रेनिंग सुविधा व सिमुलेटर हैं। ऐसे ही चकेरी कानपुर में देश की पहली एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस यूनिट है। गोरखपुर में हेरिटेज एयरक्राफ्ट और हिंडन एयरफोर्स स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां लड़ाकू विमान तैनात हैं।

मध्य कमान यहां तक है फैला
मध्य कमान भारतीय सेना की सबसे बड़ी कमान है। यह सात राज्यों यूपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा तक फैली है। इसका मुख्यालय लखनऊ में है। लखनऊ में ही आर्मी मेडिकल कोर (एएमसी), डीआरडीओ सेंटर, मध्य यूपी सब एरिया मुफ्सा, कमांड व बेस अस्पताल, 11 गोरखा रेजिमेंटल सेंटर आदि हैं।

लखनऊ का बढ़ रहा कद
सूत्र बताते हैं कि सैन्य गतिविधियों में लखनऊ का कद बढ़ने की वजह यहां मध्य कमान मुख्यालय व रेजिमेंटल सेंटर होने के अतिरिक्त निर्वहन क्षमता भी है। डिफेंस एक्सपो, आर्मी डे, एयर शो, केमिकल बेस्ड वॉर, जॉइंट कमांडर्स मीट जैसे बड़े आयोजनों को सफलतापूर्वक करवाकर लखनऊ ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। महिला मिलिट्री पुलिस भर्ती लखनऊ में होती है। यहां यूपी व उत्तराखंड का जोनल भर्ती मुख्यालय भी है। डीआरडीओ ने ब्रह्मोस के नेवी वर्जन का निर्माण लखनऊ में करने के लिए एक यूनिट स्थापित की है। यहां जल्द ही ब्रह्मोस का निर्माण शुरू हो जाएगा। रक्षा क्षेत्र के लिहाज से लखनऊ का कद बढ़ता जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि देश में तीन थिएटर कमांड बनाए जाने हैं। इसमें चाइना साइड के लिए बनने वाले थियेटर कमांड का गढ़ लखनऊ में होगा।

ये भी खास

  • 14 प्रतिशत सेना के जवान यूपी के हैं।
  • 12 प्रतिशत सैन्यकर्मियों की यूपी में तैनाती।
  • 7 रेजिमेंटल सेंटर हैं।
  • 8 ऑर्डिनेंस फैक्टरी हैं, जहां सैन्य हथियार व वाहन बनते हैं। (साभार एजेंसी)

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