( कुशीनगर,UP )03जुलाई,2025.
गंडक नदी के भैंसहा घाट पर 649 करोड़ से साढ़े चार किमी लंबा पक्का पुल बनाया जाएगा। छितौनी तटबंध के किलोमीटर 8.800 के पास से इसका निर्माण होगा। मंगलवार को ब्रिज कॉरपोरेशन के अभियंताओं ने पुल के एप्रोच आदि को लेकर खाका तैयार किया। बाढ़ से बचाव के साथ क्षेत्र के विकास तेजी से होगा। दियारा क्षेत्र के लोगों को जहां राहत मिलेगी, वहीं महराजगंज और पश्चिमी चंपारण की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।
पिछले वर्ष खड्डा क्षेत्र में छितौनी तटबंध और बाढ़ क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भैंसहा घाट पर पक्का पुल निर्माण की मांग सांसद विजय कुमार दुबे और विधायक विवेकानंद पांडेय ने की थी।
सीएम ने जनसभा में भैंसहा घाट पर नारायणी नदी पर पक्का पुल बनाकर नदी उस पार बसे बाढ़ प्रभावित कुशीनगर और महराजगंज जिले के करीब 60 हजार लोगों को सुलभ आवागमन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। कुछ माह पूर्व एक कंपनी की मदद से नदी पर पुल बनाने के लिए सर्वे कराया गया था। सर्वे की रिपोर्ट मिलने के बाद दोपहर में ब्रिज काॅरपोरेशन की टीम पहुंची और बनने वाले पुल का एप्रोच का स्थान चिह्नित किया।
इसको लेकर क्षेत्र के लोगों में खुशी है, क्योंकि बाढ़ आने पर नदी उस पार बसे गांव वालों से संपर्क टूट जाता है और काफी नुकसान होता है। सांसद ने बताया कि इसके लिए लगातार मुख्यमंत्री से मांग की जा रही थी। इसके निर्माण से काफी राहत मिलेगी और दियारा की जमीन भी उपयोगी हो जाएगी।
गंडक नदी पर पक्का पुल बनाने के लिए सर्वेयर कंपनी चार स्थानों को (एलाइनमेंट) चिह्नित किया था। मंगलवार को ब्रिज कॉरपोरेशन के एक्सईएन वीरेंद्र कुमार व सहायक अभियंता विवेक कुमार भैंसहा पहुंचे और खड्डा-भैंसहा मार्ग के पकड़ी गांव के पास डीह बाबा स्थान के पास से निकले रिटायर बांध से होकर छितौनी तटबंध के किलोमीटर 8.800 के पास व उसके आगे तक को सही पाते हुए फाइनल कर दिया।
पुल से दाहिने तरफ (1500 मीटर) डेढ़ किलोमीटर का एप्रोच होगा जो खड्डा-भैंसहा मार्ग को जोड़ेगा। नदी में साढ़े चार किलोमीटर लंबा पक्का पुल बनेगा। इसके आगे मरचहवा की ओर (21 सौ मीटर) दो किलोमीटर से ज्यादा लंबा एप्रोच होगा। इस पुल पर अनुमानित लागत 649 करोड़ आएगी।
विधायक विवेकानंद पांडेय ने बताया कि गंडक नदी पर पक्का पुल बनाने के लिए स्थान को चिह्नित किया गया है। इस ऐतिहासिक कार्य से रेता क्षेत्र का भी सर्वांगीण विकास होगा। यह पुल इस क्षेत्र के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। बाढ़ के समय भी लोगों को सुगम आवागमन प्राप्त होगा।(साभार एजेंसी)