(लखनऊ,UP )01अगस्त,2025.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर में यमुना नदी के किनारे रिवर फ्रंट और राजापुर-कर्वी मार्ग के दोहरीकरण की घोषणा की है। वह गोस्वामी तुलसीदास की 528वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले राजापुर में तुलसी जन्म कुटीर पहुंचे और गोस्वामी तुलसी प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। यहां रखे उनके हस्तलिखित श्रीरामचरितमानस के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि राजापुर को तुलसी जैसी निधि प्राप्त है। तुलसी और उनकी श्रीरामचरितमानस के कारण राजापुर की विश्व में पहचान है। सरकार राजापुर व लालापुर के विकास के लिए कटिबद्ध है। सीएम ने कहा कि राजापुर में यमुना नदी से हो रहे कटान को रोकने व तुलसी जन्मस्थली में दर्शनार्थियों को सुविधाजनक यातायात देने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल के सहयोगी जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह व जनपद के प्रभारी मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी को साथ लाया हूं। ताकि रिवर फ्रंट को और बेहतर बनाया जा सके।
इसके बाद सीएम तुलसी रिजॉर्ट में संत मोरारी बापू की ओर से आयोजित तुलसी साहित्य समागम में शामिल हुए। यहां पर संत मोरारी बापू के अलावा जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य सहित अन्य साधु-संतों, धर्माचार्य और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा में तुलसीदास की प्रतिमा का अनावरण किया। नानाजी देशमुख की कर्म स्थली, तुलसीदास जी की जन्मस्थली एवं आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की लालापुर की पावन धरा को प्रणाम करते हुए सभी का अभिनंदन किया।
‘अकबर के नहीं श्रीराम के हुए तुलसीदास’:
सीएम ने कहा कि तुलसीदास जी ने एक ऐसे काल में श्रीरामचरितमानस की रचना की, जब मुगल शासक अपने महामंत्री के माध्यम से उन्हें अपने दरबार के नौ रत्नों में शामिल होने का प्रस्ताव भेजा था। तुलसीदास जी ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा था कि ‘मेरे एक ही बादशाह हैं, परम् परमात्मा राम’। मैं उनके दरबार का सेवक हूं, अन्य किसी दरबार की उपाधि नहीं धारण कर सकता ।(साभार एजेंसी)