(वाराणसी)13अगस्त,2024.
एजेंसी से प्राप्त समाचार के अनुसार भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर (आईआईवीआर) के लौकी व सेम की प्रजाति के पौधे देशभर में बिकेंगे। प्रधानमंत्री ने लौकी की काशी शुभ्रा और सेम की काशी बौनी सेम-207 के बीज को भी लोकार्पित कर देश के किसानों को सौंप दिया है। अब इसकी बुआई किसान कर सकते हैं। दोनों प्रजाति के बीज पर जलवायु परिवर्तन के खतरों के बावजूद किसानों के लिए लाभकारी होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में 61 फसलों की 109 नई एवं उन्नत किस्मों को किसानों को समर्पित किया था। इनमें सब्जियों में दो प्रजाति आईआईवीआर की भी शामिल है। आईआईवीआर के कार्यकारी निदेशक डॉ. नागेंद्र राय सहित वैज्ञानिकों ने इन दोनों प्रजाति के लोकार्पित होने पर हर्ष जताया है। डॉ. नागेंद्र ने बताया कि काशी बौनी सेम-207 और काशी शुभ्रा को लोकार्पित किया गया है। इनको संस्थान के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। ये दोनों प्रजाति रोगरोधी क्षमताओं के कारण इनसे किसानों को अच्छी उपज और फसल मूल्य से लाभ मिल सकता है।
65-70 सेंमी ऊंचे होंगे सेम के पौधे, 236 क्विंटल उत्पादन:
काशी बौनी सेम-207 उन्नत किस्म की सेम है। डॉ. नागेंद्र ने बताया कि इसकी बढ़वार झाड़ीनुमा है। इसके पौधे की ऊंचाई 65-70 सेमी है। इसकी बुआई अक्तूबर के पहले सप्ताह से नवंबर के दूसरे सप्ताह तक कर सकते हैं। पहली तुड़ाई बुआई के 90-95 दिन में होती है तथा 10-12 सेमी लंबी फलियां होती हैं। पांच बार तुड़ाई में इसकी औसत उपज 236 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। उन्होंने बताया कि यह रोगरोधी भी है। 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में भी अच्छी उपज मिलरी है।
शुभ्रा लौकी को कमरे के तापमान में रख सकते हैं 6 दिन:
काशी शुभ्रा लौकी के पौधे को खरीफ, जायद और ऑफ सीजन में भी उगा सकते हैं। डॉ. नागेंद्र ने बताया कि इसकी पहली तुड़ाई बीज बोने के 55 दिन बाद शुरू होती है। फल हल्के हरे व 28-30 सेंमी लंबे होंगे। इसका औसत वजन 800 ग्राम होता है। उन्होंने बताया कि इसकी पैकेजिंग कर लंबी दूरी तक भेज सकते हैं। खराब नहीं होगी। इसमें खाद्य गुणवत्ता बेहतर है। कमरे के तापमान पर इस लौकी को छह दिनों तक भंडारित कर सकते हैं(साभारअ.उ.एजेंसी)