(नई दिल्ली)03अगस्त,2025.
UPI Rule आप और हम आजकल जेब में कैश नहीं रखते हैं मोबाइल में पैसे होते हैं और झटपट हो जाती है ऑनलाइन पेमेंट … लेकिन अब इसमें बड़े बदलाव की तैयारी है। अब जब भी आप मोबाइल से UPI पेमेंट करें, तो हो सकता है कि आपको पिन डालने की ज़रूरत ही न पड़े! जी हां, डिजिटल इंडिया की रफ्तार अब और तेज़ होने जा रही है। आने वाले दिनों में UPI पेमेंट सिस्टम में एक बड़ा और बेहद क्रांतिकारी बदलाव हो सकता है, अब पिन की जगह बायोमेट्रिक पहचान यानी चेहरा (Face Authentication) या फिंगरप्रिंट से ही पेमेंट हो पाएगा।
पिन की छुट्टी,बायोमेट्रिक की एंट्री ? UPI Rule
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) इस नए फीचर पर काम कर रहा है, जिसमें PIN डालने का झंझट खत्म कर पेमेंट को फेस ऑथेंटिकेशन या फिंगरप्रिंट स्कैन से मंज़ूरी दी जाएगी. इसका मतलब ये है कि अगर यह नियम लागू हुआ, तो PIN डालना आपके लिए ऑप्शनल होगा, यानी चाहें तो डालें, न चाहें तो सीधे अपना चेहरा या उंगली दिखाएं और पेमेंट करें।
अब धोखाधड़ी होगी कम:
इस बदलाव से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि लेन-देन और तेज़ होगा और उस बीच कोई अड़चन नहीं आएगी. बहुत बार नेटवर्क स्लो होने पर OTP या PIN भरने में दिक्कत आती है. लेकिन फेस ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक सिस्टम इस परेशानी को दूर कर देगा. इसके साथ ही, ऑनलाइन धोखाधड़ी और स्कैम के मामले भी घटेंगे क्योंकि किसी के चेहरे या उंगली को चुराना आसान नहीं होता, जबकि PIN आसानी से किसी को पता चल सकता है।
अभी तक किसी भी UPI ट्रांजेक्शन के लिए 4 से 6 अंकों का PIN जरूरी होता है. लेकिन गांवों और छोटे कस्बों में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें PIN याद नहीं रहता या वो तकनीक के इतने आदी नहीं हैं. ऐसे में फेस या फिंगरप्रिंट से पेमेंट की सुविधा उनके लिए वरदान साबित हो सकती है. ये सिस्टम खासकर बुजुर्गों और अनपढ़ यूज़र्स के लिए ज़्यादा सुरक्षित और आसान होगा।
RBI रिपोर्ट भी दिखा रही है तेज़ी:
आरबीआई की जून 2025 की पेमेंट सिस्टम रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय देश में UPI का इस्तेमाल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. जून में ही 18.39 अरब UPI ट्रांजेक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू 24.03 लाख करोड़ रुपये थी. ऐसे में, सिक्योरिटी और सुविधा दोनों को बेहतर बनाने के लिए सरकार और NPCI लगातार नए प्रयोग कर रहे हैं.हालांकि NPCI की ओर से इसकी कोई अंतिम तारीख अब तक घोषित नहीं की गई है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक इस तकनीक पर टेस्टिंग तेज़ी से चल रही है। जैसे ही सुरक्षा और तकनीकी स्तर पर यह तैयार हो जाएगा, देशभर में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है।