(शिमला,हिमाचल प्रदेश)18अगस्त,2025.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल विश्व स्तर पर एक प्रमुख ईको टूरिज्म गंतव्य के रूप में उभरेगा। प्रदेश सरकार ने ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लागू की है। राज्य के विभिन्न वन वृत्तों में 77 ईको टूरिज्म स्थलों का विकास किया जा रहा है। इस पहल से आगामी पांच वर्षों में 200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए उनका समुचित दोहन कर रही है, जिसके लिए ईको पर्यटन नीति 2024 तैयार की गई है।
इससे पर्यटन और प्रकृति दोनों का संरक्षण सुनिश्चित होगा। इस नीति के तहत शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, रामपुर, सोलन, नाहन, हमीरपुर, नालागढ़, धर्मशाला, पालमपुर, चंबा, डलहौजी, नूरपुर और रिकांगपिओ में 77 ईको टूरिज्म स्थलों का विकास किया जा रहा है। इनमें से सात प्रमुख स्थलों शिमला में पॉटर हिल, शोघी, कुल्लू में सोलंग नाला और पार्वती घाटी में कसोल के लिए ईको टूरिज्म ऑपरेटरों का चयन पहले ही कर लिया गया है। पर्यटक यहां ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, फॉरेस्ट कैंपिंग, प्रकृति वॉक, होम स्टे और प्रकृति ट्रेल मार्ग जैसे पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। वर्ष 2030 तक वनों की संख्या को 30 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए यात्रा और बुकिंग की सुविधा को सरल बनाने के लिए सरकार ने ईको-टूरिज्म सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करवाई हैं। 100 से अधिक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस और कैंपिंग साइट्स की बुकिंग अब हिमाचल प्रदेश ईको-टूरिज्म सोसाइटी की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती हैं और ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि नई ईको पर्यटन नीति में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संशोधित वन संरक्षण अधिनियम के राष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित किया है। शिमला, पालमपुर, कुल्लू, सिराज और मंडी जैसे वन मंडलों की कार्य योजनाओं में ईको-टूरिज्म अध्यायों को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।
साल 2024 में दो लाख सैलानी अधिक आए:
वर्ष 2024 में हिमाचल प्रदेश में लगभग दो लाख पर्यटक अधिक आए। इनमें 82 हजार विदेशी पर्यटक शामिल रहेे। इनमें पिछले वर्ष की तुलना में 13.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।(साभार एजेंसी)