“समृद्धि और आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर हिमाचल”-हिमाचल प्रदेश सीएम सुखविंद्र

Himanchal

(शिमला,हिमाचल प्रदेश)15अगस्त,2025.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत को आजादी, एकता और अखंडता वर्षों के संघर्ष और बीर सपूतों के असंख्य बलिदानों का प्रतिफल है। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि देश की आन बान और शान बनाए रखने के लिए हमारे प्रदेश के वीर जवानों ने हमेशा प्रमुख भूमिका निभाई है। हिमाचल के वीर सपूतों ने 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 कीर्ति चक्र जीते हैं। देश का पहला परमवीर चक्र, प्रदेश के वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को प्राप्त हुआ था। इसके बाद, कर्नल डीएस थापा, कैप्टन विक्रम बतरा तथा सूबेदार मेजर संजय कुमार को भी परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

वर्ष 2023 में गंभीर प्रकृतिक आपदा का सामना हमने अपने संसाधनों से सफलतापूर्वक किया। इस साल भी मूसलाधार बारिश और बादल फटने के कारण आई विनाशकारी बाढ़ से हमें जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस आपदा से मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसने 200 से अधिक बहुमूल्य जीवन खोए हैं और अधोसंरचना को लगभग हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। यह आपदा बहुत बड़ी है और प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों के साथ आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसे 25 गुना तक बढ़ाया गया है।

इस पैकज के अंतर्गत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए दी जाने वाली 1 लाख 30 हजार रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपये और आंशिक क्षति पर 12 हजार 500 रुपये की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा क्षतिग्रस्त दुकान अथवा ढाबे गौशाला, पशुओं की हानि. क्षतिग्रस्त पॉलीहाउस , कृषि व बागवानी भूमि के नुकसान आदि के लिए भी राहत एंव मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की गई है।

हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल में राजनीतिक, आर्थिक और प्राकृतिक आपदा आपदा जैसी गंभीर चुनौतियों का मजबूती से सामना किया है। मैं प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि हमारी सरकार पर उन्होंने भरपूर भरोसा किया। प्रदेशवासियों के समर्थन से हमने धनबल पर जनबल की जीत सुनिश्चित हुई है, जिससे लोकतंत्र सशक्त हुआ है।

हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है जिसने प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है। मक्की पर 40 रुपये प्रति किलो का सामर्थन मूल्य दिया जा रहा है। अब तक 1,509 किसानों से लगभग 399 मीट्रिक टन मक्की समर्थन मूल्य पर खरीदी जा चुकी है और किसानों के बैंक खातों में 1.40 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। इसी प्रकार गेहूं की खरीद भी 60 रुपये प्रति किलो की दर से की जा रही है और अब तक 838 किसानों से 2,123 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है और किसानों के खातों में 1.27 करोड़ रुपये जमा करवाए गए हैं। गेहूं के लिए परिवहन भाड़े पर सरकार ने 4.15 लाख रुपये की सब्सिडी दी है। हमने प्राकृतिक विधि से उगाई गई कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य घोषित किया है। किसानों से 127 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी खरीदी गई है और उनके खातों में 1.14 करोड़ रुपये जमा कर दिए गए हैं।

हमारी सरकार ने हमीरपुर जिले में स्पाइस पार्क और ऊना जिले में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार किसानों के हित में कृषि ऋण ब्याज योजना भी लेकर आई है। हमने दूध उत्पादन के क्षेत्र में भी बहुमूल्य सुधार किए हैं। हिमाचल देश का पहला राज्य है जो दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रहा है। वर्तमान में लगभग 38,400 किसानों से प्रतिदिन औसतन 2.25 लाख लीटर गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। इसी प्रकार, 1,482 भैंस पालकों से प्रतिदिन 7,800 लीटर दूध 61 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। पशुपालकों से 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट खरीदने का कार्य शुरू कर हमने एक और चुनावी वादा पूरा किया है। वर्ष 2025 के लिए सेब, बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा और संतरे और सीडलिंग, कलमी व कच्चे अचारी आम पर 12 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। वन प्रबंधन और वन क्षेत्र विस्तार में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये लागत की राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना लागू की जा रही है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण-2025 में प्रदेश 5वें स्थान पर पहुंचा है जबकि 2021 में हमारी रैंकिंग 21वें पायदान पर फिसल गई थी। वार्षिक शिक्षा स्थिति-2025 रिपोर्ट में विद्यार्थियों के पढ़ने और सीखने के स्तर में हिमाचल ने 21वें स्थान से पहले स्थान पर छलांग लगाई है।

वर्तमान सरकार ने एक हजार से अधिक स्कूलों का युक्तिकरण कर स्कूलों के क्लस्टर बनाए हैं। विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर में सुधार के लिए सभी सरकर स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू कर दिया गया है। हमने डॉ. वाई.एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना – शुरू कर पात्र विद्यार्थियों को देश-विदेश में शिक्षा के लिए 1 प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक के ऋण का प्रावधान किया है। पहली से आठवीं कक्षा के 5.35 लाख बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना की पहल की गई है।

हमारी सरकार ने वर्ष 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। ई-वाहनों को व्यापक प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हमारी सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की है जिसके पहले चरण में ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। ऊना जिला के पेखूबेला में 32 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना मात्र चार महीनों में जनता को समर्पित की गई है। इस परियोजना से सालाना 19 करोड़ 17 लाख रुपये के राजस्व लाभ का अनुमान है। महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा और सम्मान देने के लिए हमने 18 से 59 वर्ष की पात्र महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना शुरू कर 1500 रुपये मासिक सम्मान राशि देना आरंभ किया है।
प्रदेशवासियों को विश्व स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसी को भी इलाज के लिए हिमाचल से बाहर जाने की जरूरत पड़े। एक ऐतिहासिक पहल के तहत रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत शिमला स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ सूपर स्पेशिलिटीज से से की गई है। हिमकेयर योजना के लाभार्थियों को बेहतर ईलाज देने की सुविधा के लिए इसका विस्तार किया गया है। अब आपात स्थिति में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और अधीक्षक भी हिमकेयर कार्ड बना सकेंगे। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रह है और प्रदेश के 16 स्थानों पर हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। प्रमुख धार्मिक स्थलों को रोप-वे से जोड़ा जा रहा है। कांगड़ा जिले को प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनाया जा रहा है। देहरा उप-मण्डल के बनखंडी में 619 करोड़ रुपये से वन्य प्राणी उद्यान स्थापित किया जा रहा है।

प्रदेशवासियों को 24 घंटे पेयजल सुविधा सुनिश्चित करने तथा पानी की गुणवत्ता सुधारने के दृष्टिगत ठोस कदम उठाए गए हैं। हमारी सरकार ने सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की अनूठी पहल की है जिसके तहत मैं खुद और मेरे मंत्रीमण्डल के सहयोगी दूर-दराज क्षेत्रों में लोगों से मिलते हैं व उनकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित करते हैं। वित्तीय संसाधन जुटाने और फिजूलखर्ची रोकने के प्रयासों के तहत हमने आबकारी नीति में बदलाव, शराब के ठेकों की नीलामी व निविदाओं, दूध उपकर, विभिन्न विभागों में भी स्टाफ के युक्तिकरण, लोक निर्माण विभाग की परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया में बदलाव जैसे ठोस कदमों के माध्यम से अढाई वर्षों में हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है।

वित्तीय प्रबंधन की दिशा में प्रदेश सरकार ने ग्रीन बजट की शुरूआत कर एक नई पहल की है। इतना ही नहीं, हमने केंद्र सरकार के समक्ष भी हिमाचल के हितों की मजबूती से पैरवी की है। कांग्रेस के चुनावी घोषणा-पत्र की 6 गारंटियां पूरी की गई हैं। कांग्रेस सरकार ने अपना वादा पूरा करते हुए 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की है।

सरकार ने अपने कार्यकाल में 74,600 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इसमें सरकारी क्षेत्र में लगभग 23,200 और निजी क्षेत्र में 51,400 से अधिक रोजगार के अवसर शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पीआईटी एनडीपीएस एक्ट को कड़ाई से लागू किया गया है। इसके तहत 42 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है और 70 तस्करों की संपत्ति चिन्हित कर अब तक 44 तस्करों को हिरासत में लिया गया है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध तथा आत्मनिर्भर राज्य बनाने के हमारे संकल्प में वित्तीय संकट कोई बाधा नहीं बनेगा। हम आपकी उम्मीदों के अनुसार और आपके सहयोग से अपने इस सुंदर पहाड़ी राज्य को विकास के नए आयाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अंत में, मैं एक बार पुनः आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूं तथा समस्त प्रदेशवासियों के सुखमय और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।(साभार एजेंसी)

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