(लखनऊ,UP)03अक्टूबर,2025.
ताला के लिए देश-दुनिया में मशहूर अलीगढ़ में बनी पीतल की मूर्तियों की भी देश-दुनिया में खासी मांग है। दीपावली पर घरेलू व विदेशी बाजार में माल पहुंचाने के लिए मूर्ति निर्माता व निर्यातक लगे हुए हैं। जबरदस्त ऑर्डर मिलने से कारोबारियों के चेहरे खिल हुए हैं। अभी तक के अनुमान के अनुसार इस बार दीपावली पर 150 करोड़ के माल के घरेलू व विदेशी बाजार में निर्यात के संकेत हैं।
शहर की आर्टवेयर इंडस्ट्री में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ ही दीपावली को लेकर लक्ष्मी-गणेश, सरस्वती और श्री राम दरबार की मूर्तियां बनना शुरू हो गई थीं। अन्य सजावटी आइटम भी बनाए गए हैं। ब्रास (कापर, पीतल व जस्ता मिक्स) निर्मित मूर्तियां यहां अधिक बनती हैं। अंदर से खोखली इस मूर्ति की अपनी एक पहचान है। शहर में करीब तीन दर्जन निर्यातक अपने कारखानों में या मजदूरी पर मूर्ति ऑर्डर के अनुसार तैयार कराते हैं और उनकी फिनिंसिंग कराते हैं।
शहर के सासनी गेट, जयगंज, सराय भूखी, भुजपुरा, पला रोड, बिहारी नगर व उनसे सटे आसपास के इलाकों में यह कुटीर उद्योग के रूप में है। इनकी किसी घर में ढलाई तो किसी में पॉलिस व वेल्डिंग का काम मजदूरी पर होता है।
दीपावली व क्रिसमस को लेकर विदेशी निर्यात के अच्छे संकेत मिल रहे हैं। ऑर्डर आने लगे हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा 20 फीसदी ऑर्डर मिला है। हालांकि, कच्चे माल की कीमतें परेशान कर रही हैं। – अर्पित मित्तल, निर्माता/निर्यातक
हमारे यहां ब्रास की चादर, सिल्ली दोनों का माल बनता है। इनकी मांग देश विदेश में है। त्योहार पर सामान्य से काफी अधिक मांग रहती है। – कोमल कटारा, निर्माता/निर्यातक
इन मूर्तियों की मांग
श्रीगणेश-लक्ष्मी, माता दुर्गा जी, श्रीराम परिवार, हनुमान जी, कुबेर जी, श्रीयंत्र, दीपक, मंदिर, सिंहासन, घंटी और पूजा पाठ के सजावटी सामान देश के कई हिस्सों व विदेश में सप्लाई हो रहा है।
सेन्टर प्वाइंट स्थित पीतल के शोरूम में लक्ष्मी गणेश की मूर्ति पंसद करती युवतियां
यहां तक सप्लाई
दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक के अलावा यूपी के कई शहरों में मूर्ति की आपूर्ति होती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी मूर्तियां बिक रही हैं। दुबई, कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर में रहने वाले भारतीयों के बीच भी इनकी मांग है।
सालाना कारोबार एक नजर में:
1000 करोड़ रुपये सालाना है पीतल मूर्ति का कारोबार
500 करोड़ रुपये सालाना का है निर्यात
35 निर्यातक विदेशी बाजार में बेचते हैं पीतल मूर्ति
50 बड़े पीतल मूर्ति के हैं निर्माता
50 हजार लोगों की जुड़ी है रोजी रोटी
500 ढलाई व मेन्युफैक्चरिंग यूनिट
100 करोड़ रुपये का विदेशी बाजार से आर्डर का अनुमान
मूर्तियों की कीमत
900 रुपये किलो तक से 1300 रुपये किलो तक
सुपर फाइन की कीमत 1100 से 1300 किलो तक
सामान्य मूर्तियों की कीमत 900 रुपये किलो तक
कच्चे माल की कीमत दे रही सिरदर्द:
बाजार में काफी उछाल है। विदेशी ऑर्डर भी लगातार आ रहे हैं। वायर संपर्क कर रहे हैं। विदेशी वायर तो दीपावली से आगे क्रिसमस तक के ऑर्डर भी बुक करा रहे हैं लेकिन कच्चे माल की कीमतों में अस्थिरता निर्यातक तथा निर्माताओं को दिक्कत दे रही है। लगातार उतार चढ़ाव के चलते वे परेशान हैं। वायर को बांधे रखने के लिए वे उतार-चढ़ाव झेलने को तैयार हैं। स्थितियां ये हैं कि पिछले वर्ष की अपेक्षा पीतल की कीमत में 100 रुपये किलो का इजाफा है। पिछले एक माह में ही पीतल में 60 रुपये बढ़े हैं।
पिछले वर्ष था 100 करोड़ का कारोबार:
पिछले साल अलीगढ़ में मूर्ति कारोबार 100 करोड़ के करीब था। निर्यातक सुशील मित्तल का कहना है कि पीतल के रेट तो बढ़ रहे हैं लेकिन मूर्ति की मांग भी खूब है। दिवाली पर हर कोई अपने घर में भगवान की मूर्ति लाना चाहता है।
तीन साल से लगातार बढ़ रहे पीतल के दाम
2023 में 495 रुपये किलो
2024 में 525 रुपये किलो
2015 में 600 रुपये किलो(साभार एजेंसी)