प्रयागराज में गंगा-यमुना उफान पर,राहत और बचाव में जुटी फोर्स

UP / Uttarakhand

(प्रयागराज UP)09अगस्त,2024.

एजेंसी से प्राप्त समाचार के अनुसार प्रयागराज में गंगा और यमुना उफान पर हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में हो रही भारी के चलते जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। माता टीला बांध से गंगा में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाे का असर भी गंगा में दिख रहा है। संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर जलमग्न हो गया है। इसके बाद बाढ़ का पानी और शहर के निचले इलाके में प्रवेश करने लगा है। तराई इलाकों में मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अनुसार गंगा का जलस्तर स्थिर रहा, जबकि यमुना में जल स्तर खिसकने की सूचना है।

गंगापार और यमुनापार के इलाकों में बाढ़ का भारी असर देखने को मिल रहा है। बदरा सोनौटी समेत कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। करेली इलाके में ससुरखदेरी नदी का पानी भर गया है। कई मोहल्ले पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गए हैं। बाढ़ की भयावहता बढ़ती ही जा रही है।

यमुना में बाढ़ आने के कारण तराई इलाकों में सब्जी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ में सब्जी की फसल समा न जाए इसको देखते हुए पानी आने के पहले ही किसानों ने सब्जी की खड़ी फसलों को उजाड़ दिया। सैकड़ों बीघे परवल की खेती समय के पहले ही उजाड़ दी गई। मेजा में बिहार के किसान आकर परवल की खेती करते हैं। यह सैकड़ों बीघे में बोई जाती है और कई जिलों के साथ दूसरे प्रदेश में भी आपूर्ति की जाती है। बाढ़ के चलते पूरी फसल चौपट हो गई।

कछार के निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी

गंगा और यमुना समेत अन्य नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कछार के निचले इलाके की बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया। यहां रहने वाले परिवारों ने सामान समेटना शुरू कर दिया। अगर जलस्तर में बढ़ोतरी की यही रफ्तार रही तो एक-दो दिनों में बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में आ जाएगा।

यमुना नदी के जलस्तर में सुबह तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले 24 घंटे में दो मीटर से भी अधिक जलस्तर बढ़ गया। इसका असर गंगा के कछारी इलाके में दिखा। पानी छोटा बघाड़ा में बस्ती तक पहुंच गया। गंगा की मूल धारा के करीब बने मकान पानी में घिर गए हैं।

झूंसी के बदरा-सोनौटी की बस्ती में पानी घुस गया तथा नाव चलने लगीं हैं। छोटा बघाड़ा, ठरेरिया आदि इलाके के लोग अपना सामान समेटने लगे हैं(साभार एजेंसी)

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