(लखनऊ)15अगस्त,2024.
एजेंसी से प्राप्त समाचार के अनुसार उत्तर प्रदेश में पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। 2023 में 48 करोड़ 01 लाख से अधिक लोगों ने यहां भ्रमण किया। पर्यटन बढ़ने के साथ यहां रोजगार में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
बीते वर्ष 48 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश का भ्रमण किया। यह संख्या 10 वर्ष पहले आए पर्यटकों की संख्या से लगभग 25 करोड़ अधिक है। आंकडों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वर्ष 2013 में 23 करोड़ 10 लाख पर्यटक आए थे। वहीं वर्ष 2023 में 48 करोड़ 01 लाख से अधिक लोगों ने यहां भ्रमण किया। यानी 10 वर्षों में 24 करोड़ 91 लाख से ज्यादा की वृद्धि हुई। वर्ष 2013 में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन भी हुआ था। इसमें 7 करोड़ 86 लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे। 2025 में होने वाले महाकुंभ में यह संख्या तीन-चार गुणा होने की उम्मीद है।
प्रदेश में बीते दस वर्षों में पर्यटकों की संख्या में यह वृद्धि अचानक नहीं हुई बल्कि प्रतिवर्ष वृद्धि हुई है। 2013 में कुंभ होने के बावजूद जितने पर्यटक आए थे वर्ष 2017 में उससे 65 लाख 09 हजार ज्यादा पर्यटक पहुंच गए। यानी मात्र चार वर्षों में कुंभ के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया। इसके ठीक एक वर्ष बाद यानी 2018 में 5 करोड़ 13 लाख से अधिक पर्यटकों ने प्रदेश का भ्रमण किया।
इसी तरह वर्ष 2019 में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन हुआ। इस दौरान पूरे प्रदेश में 54 करोड़ से ज्यादा पर्यटकों ने यहां का भ्रमण किया था। कुंभ में 24 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे, यह संख्या वर्ष 2013 कुंभ में प्रयागराज में आए श्रद्धालुओें की संख्या की तीन गुना है। ऐसे में इस साल पर्यटन विभाग महाकुंभ को लेकर और भव्य व दिव्य बनाने की दिशा में काफी काम कर रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर सके।
कोरोना के बाद फिर बढ़ा पर्यटन उद्योग:
कोरोना के दौरान सभी सेक्टर की हालत बिगड़ी तो पर्यटन सेक्टर भी इससे अछूता नहीं रहा लेकिन 2022 में आए पर्यटकों ने काफी हद तक रौनक लौटा दी है। 2022 में कुल 31 करोड़ 85 लाख से अधिक लोग प्रदेश में भ्रमण के लिए आए। वहीं 2023 में यह 48 करोड़ पहुंच गया। इस वर्ष यूपी सबसे ज्यादा घरेलू पर्यटकों वाला राज्य भी घोषित किया गया है।
अयोध्या में चार करोड़ से ज्यादा पर्यटक बढ़े:
अयोध्या में वर्ष 2013 में 1 करोड़ 43 लाख से पर्यटक आए थे, जबकि 2023 में 5 करोड़ 75 लाख से पर्यटक आए। इस हिसाब से 10 वर्षों में 4 करोड़ 31 लाख 81 हजार पर्यटक बढ़े। यह आंकड़े तब के हैं जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला विराजमान नहीं हुए थे। अब प्रतिदिन लगभग एक से डेढ़ लाख लोग यहां दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। इससे अयोध्या में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के काफी अवसर भी बढ़े हैं।
कॉरिडोर बनने के बाद काशी में रेला:
बाबा भोलेनाथ के त्रिशूल पर विराजमान काशी में वर्ष 2013 में 52 लाख 51 हजार पर्यटक आए थे। जबकि वर्ष 2023 में 10 करोड़ 18 लाख से अधिक लोग आए हैं। यानी 9 करोड़ 66 लाख 16 हजार पर्यटक बढ़े हैं। 10 वर्षों में लगभग 20 प्रतिशत है। इस अप्रत्याशित वृद्धि का मूल कारण काशी विश्वनाथ कॉरिडोर है। देश ही नहीं प्रदेश के कोने-कोने से काफी संख्या में लोग यहां दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। पर्यटन विभाग यहां काफी मूलभूत सुविधाओं का विकास कर रहा है।
मथुरा में साढ़े चार करोड़ बढ़े पर्यटक:
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में वर्ष 2013 में 3 करोड़ 20 लाख पर्यटक आए थे। वर्ष 2023 में 7 करोड़ 79 लाख पर्यटक आए थे। इस तरह 10 वर्षों में 4 करोड़ 58 लाख पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। दूसरी तरफ पर्यटन विभाग पर्यटकों को आकर्षित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर में क्रूज का संचालन हो रहा है। मथुरा समेत कई अन्य स्थलों की प्रक्रिया चल रही है। वहीं अयोध्या, दुधवा समेत अन्य स्थलों पर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की तैयारी चल रही है।
यूपी असीम संभावनाओं वाला राज्यः जयवीर सिंह
पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाला राज्य है। अभी हम घरेलू पर्यटन के मामले में पहले स्थान पर हैं। विदेशी पर्यटकों के मामले में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। सभी को इसका लाभ भी मिल रहा है(साभार अ.उ.एजेंसी)