(लखनऊ)29सितंबर ,2024.
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के 7572 बिजली कर्मियों का सितंबर माह का वेतन रोक दिया गया है। इन कर्मचारियों ने अभी तक अपनी आय का ब्यौरा नहीं दिया है। सरकार एक बार पहले यह मियाद बढ़ा चुकी है।
बता दें कि पावर कार्पोरेशन और विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत 7572 अभियंताओं और अन्य कर्मियों ने अपनी चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। इनके खिलाफ प्रबंधन ने सख्त कदम उठाया है। निर्देश दिया है कि जब तक ये कार्मिक संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे, तब तक उनका सितंबर माह का वेतन नहीं दिया जाएगा।
पावर कार्पोरेशन व विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत अभियंता चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा देने से कतराते रहते हैं। उन्हें डर रहता है कि कहीं संपत्ति का ब्यौरा सही दे दिया तो उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हो सकती है। ऐसे में वे विभागीय निर्देश के बाद भी ब्यौरा देने में आनाकानी करते रहते हैं। यही वजह है कि संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कार्पोरेशन प्रबंधन ने 19 जनवरी,2024. को ही निर्देश दिया था।
निर्देश में स्पष्ट कहा गया था कि सभी अभियंता और अन्य कार्मिक 15 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा निगमों के ईआरपी पोर्टल पर अपलोड कर दें। इसके बाद भी 7572 कार्मिकों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। ऐसे में कार्पोरेशन प्रबंधन ने सख्त कदम उठाया है। सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों और निदेशक (कार्मिक) को निर्देश दिया है कि ब्यौरा नहीं देने वालों का सितंबर माह का वेतन रोक दिया जाए। संबंधित कार्मिक जब तक चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं देते हैं, तब तक उनका वेतन जारी नहीं किया जाएगा।
निगमवार, ब्यौरा नहीं देने वाले कार्मिक:
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम 3033
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 1674
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम 1669
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम 981
पावर कार्पोरेशन मुख्यालय 170
कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी 45(साभार एजेंसी)