गोरखपुर नगर निगम: घबराएं नहीं, संपत्ति कर अधिक जमा किया था, तो होगा समायोजित

UP / Uttarakhand

(गोरखपुर)29सितंबर,2024.

गोरखपुर महानगर के नगर निगम के कार्यकारिणी बैठक में दिग्विजयनगर के पार्षद एवं पूर्व उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा समेत कुछ और सदस्यों ने इसपर आपत्ति दर्ज कराई। काफी देर तक मंथन के बाद तय हुआ कि संपत्ति कर के बिल में एकरूपता रहे, इसलिए वर्ष 2021-22 और 2022-23 का संपत्ति कर बिल किसी से भी न लिया जाए। इससे आम नागरिकों के बीच में भ्रम की स्थिति हो रही है।

शहर के वे नागरिक, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में भी जीआईएस सर्वे के आधार पर बढ़ा संपत्ति कर जमा कर चुके हैं, उनको नगर निगम ने राहत दी है। उनसे वसूला गया अधिक टैक्स आगे समायोजित किया जाएगा। नगर निगम की कार्यकारिणी समिति ने इसपर अपनी सहमति प्रदान कर दी। जल्द ही इस प्रस्ताव को सदन की बैठक में भी रखा जाएगा।

मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में नगर निगम कार्यकारिणी की छठी बैठक चार घंटे तक चली। छह नए सदस्यों के निर्वाचन के बाद यह पहली बैठक थी। इसमें कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। करीब दो महीने पहले हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में तय हुआ था कि जीआईएस सर्वे के बाद तय वर्ष 2021-22 व 2022-23 का संपत्ति कर नागरिकों से नहीं लिया जाएगा, लेकिन नोटिस में इसका अनुपालन नहीं हो पाने से बड़ी संख्या में लोग परेशान थे।
बिल भी जोड़कर भेजा गया है। कई लोगों ने इसे जमा भी कर दिया है। निगम की दलील थी कि बोर्ड बैठक में जब इन दोनों वर्षों का संपत्ति कर स्थगित करने का फैसला किया गया, ये सभी बिल उसके पहले ही जारी कर दिए गए थे।

कार्यकारिणी बैठक में दिग्विजयनगर के पार्षद एवं पूर्व उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा समेत कुछ और सदस्यों ने इसपर आपत्ति दर्ज कराई। काफी देर तक मंथन के बाद तय हुआ कि संपत्ति कर के बिल में एकरूपता रहे, इसलिए वर्ष 2021-22 और 2022-23 का संपत्ति कर बिल किसी से भी न लिया जाए। इससे आम नागरिकों के बीच में भ्रम की स्थिति हो रही है।

इसी तरह नगर निगम के कर्मचारी, संपत्तिकर का बिल न लेने की मांग कर रहे थे। बैठक में इस प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई, तय हुआ कि यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। वहां से जो निर्णय होगा, उसी मुताबिक आगे कार्रवाई की जाएगी।

16 करोड़ से होंगे विकास कार्य:
बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों ने पार्षद वरीयता की दूसरी किस्त के रूप में 20-20 लाख रुपये दिए जाने का प्रस्ताव रखा। इस पर सर्वानुमति से निर्णय लिया गया कि सभी 80 वार्डों के पार्षदों से 20-20 लाख रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगे जाएंगे।

इसके अलावा संपत्ति कर के एकमुश्त भुगतान पर वर्तमान संपत्ति कर शुल्क पर ऑफलाइन भुगतान पर आठ फीसदी और आनलाइन भुगतान पर 12 फीसदी की छूट दिए जाने पर अनुमोदन किया गया। इसके अलावा बैठक में आरओ वाटर प्लांट का संचालन करने वालों से शुल्क वसूल करने का निर्णय लिया गया। शुल्क की धनराशि निर्धारित करने के लिए कार्यकारिणी ने बायलॉज बनाने की स्वीकृति दी।

बैठक में पार्षदों ने मेयर और नगर आयुक्त से मांग की कि त्योहारों के शुरू होने के पूर्व महानगर की सभी सड़कें गड्ढामुक्त की जाएं। पेयजल आपूर्ति में आ रही शिकायतों को दुरुस्त कराया जाए। पार्षद पवन त्रिपाठी ने पथ प्रकाश से जुड़ी समस्या उठाई। इसपर निर्णय हुआ कि सभी वार्डों में पथ प्रकाश संबंधी शिकायतों का कड़ा संज्ञान लेकर उनका निस्तारण कराया जाए।

नालियों की साफ सफाई के साथ घरों से कूड़ा उठाने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने की मांग रखी गई। यूजर चार्ज की वसूली में पार्षदों ने पारदर्शिता लाए जाने की भी मांग की(साभार एजेंसी)

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