(बिजनौर)27अक्टूबर,2024.
बिजनौर जिले के नहटौर और धामपुर ब्लाक में संचालित 303 प्राइमरी स्कूलों में 150 प्राथमिक स्कूल कम हो जाएंगे। इन स्कूलों में 50 से कम छात्र संख्या है। अधिकारियों का कहना है कि 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को अन्य गांवों के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। उधर, शिक्षकों ने सरकार की शिक्षा नीति की निंदा कर आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है।
धामपुर और नहटौर ब्लॉक में 303 प्राइमरी स्कूल संचालित है। धामपुर ब्लाॅक में कुल 123 प्राइमरी स्कूलों में 53 स्कूल ऐसे है, जिनमें 50 से कम बच्चे पंजीकृत है। ऐसे सभी स्कूल अन्य विद्यालयों में विलय होंगे। नहटौर ब्लॉक में 180 में 97 प्राइमरी स्कूलों में 50 से कम छात्र संख्या है। यहां पर भी 97 स्कूल अन्य स्कूलों में मर्ज होंगे। विभाग की ओर से सर्वे कर सरकार को डाटा तैयार कर प्रेषित किया जा चुका है।
खंड शिक्षा अधिकारी एमएल त्रिवेदी का कहना है कि जिन विद्यालयों में छात्र पंजीकृत संख्या 50 से कम है । शिक्षकों की मानक सापेक्ष तैनाती ज्यादा है। सरकार की ओर से ऐसे विद्यालयों को अन्य स्कूलों में मर्ज करने की तैयारी चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग की ओर से इसमें कुछ संभव नहीं है। सब कुछ डाटा सरकार के पास पहले से ही ऑनलाइन है। जो निदेशालय का आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा।
विभाग की कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप
50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों में हड़कंप है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर चौधरी , जितेंद्र गहलौत , शिक्षक -शिक्षामित्र वेलफेयर ऐसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुधीर चौहान,जनेंद्र कुमार, केशव त्यागी , शरद कुमार आदि का कहना है कि बढ़ती आबादी को देख शिक्षा के क्षेत्र में स्कूलों की संख्या बढ़नी चाहिए। सरकार की ओर से कई दशकों से संचालित प्राइमरी स्कूलों को बंद करना जनहित में नहीं है। इस मामले को लेकर संगठन की प्रदेश स्तर पर रणनीति तय हो रही है। शासनादेश जल्द निरस्त नहीं हुआ तो आंदोलन होगा।(साभार एजेंसी)