(लखनऊ UP)09दिसम्बर,2024.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्काम के निजीकरण से लगभग 50 हजार बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी। वहीं दूसरी ओर मध्यांचल और पश्चिमांचल निगम में बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों कि छंटनी की शुरुआत हो चुकी है।
इससे ऐसे परिवारों के सामने परिवार के भरण-पोषण करने का संकट पैदा हो गया है। संघ के महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि इसके विरोध में रविवार को कृष्णानगर में एक सभा करके प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई।
उन्होंने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, आगरा को निजी हाथों में देने के पावर कॉर्पोरेशन के निर्णय को गलत बताते हुए कहा कि बिजली उद्योग में सुधार के लिए सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए।
इन निगमों को निजी हाथों में देने से जहां एक तरफ लगभग 50 हजार बिजली के आउटसोर्स कर्मचारी बेरोजगार होंगे, जो पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से अल्प वेतन पर काम करते चले आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को महंगी बिजली से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।(साभार एजेंसी)