(वाराणसी UP)15दिसम्बर,2024.
वाराणसी शहर से निकलने वाले गोबरों का निस्तारण वाराणसी नगर निगम करेगा। इन्हें खरीदने के साथ ही गैस बनाकर बेचने की भी तैयारी है। नगर निगम की ओर से संचालित गोशालाओं छितौनी, शहंशाहपुर में प्रतिदिन 4000 किलो गोबर के निस्तारण, रियूज और बेचने का प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी पशु चिकित्साधिकारी डॉ. संतोष पाल को दी गई है।
नगर निगम के अनुसार एक रुपये प्रतिकिलो गोबर खरीदने के साथ इसकी गैस बनाई जाएगी। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड एवं पशुपालन विभाग के साथ ही नगर निगम के संयुक्त प्रयासों से इसे शुरू किया जाएगा। रामनगर के बायोगैस प्लांट से शहर के पशुपालकों, किसानों और डेयरी संचालकों से गोबर खरीदा जाएगा। बिजली उत्पादन के साथ जैविक उर्वरक उत्पादन के साथ बायोगैस की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए गाय और भैंस के गोबर लेंगे।
रामनगर बायोगैस प्लांट की क्षमता 1000 मीट्रिक टन है। यहां रोजाना प्लांट को संचालित करने के लिए 1000 मीट्रिक टन गोबर की आवश्यकता होती है। ऐसे में खास ध्यान रखा जाएगा कि गोबर की कमी किसी भी दिन न हो और उत्पादन रोजाना जारी रहे। यहां प्रतिदिन 4000 क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पादन करने की क्षमता रखी गई है।
प्लांट के गैस को उसी में ही खर्च किया जाएगा। इसके बाद उन गैस को आसपास के क्षेत्रों में बेचा जाएगा। रामनगर प्लांट को सुचारू रूप से संचालन के लिए नगर निगम का पशु चिकित्सा विभाग भी मदद करेगा। इस दौरान पशु विभाग की तरफ से नगरीय सीमा में आने वाले गोशालाओं और पशुपालकों से गोबर की आपूर्ति प्लांट तक कराई जाएगी। इसके बदले में उन्हें भुगतान भी किया जाएगा।(साभार एजेंसी)