लॉकडाउन के बाद आज पहली बार “प्रयागराज जंक्शन” पर नहीं आएगी एक भी ट्रेन,दिन भर सन्नाटा

UP / Uttarakhand

(प्रयागराज UP)20अक्टूबर,2024.

प्रयागराज जंक्शन पर इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग की स्थापना की जा रही है। संक्षिप्त में इसे ईआई भी कहा जाता है। ट्रेनों के सुगम आवागमन में ईआई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे स्थापित करने का कार्य बीते कई दिन से चल रहा है, लेकिन रविवार को इसका मुख्य कार्य होगा।

24 मार्च 2020 की तारीख वर्तमान पीढ़ी शायद ही भूले। कोरोना की वजह से इसी तारीख पर देश में पहली बार लॉकडाउन लगा। तब सभी ट्रेनों का संचालन ठप हो गया था। रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा भी पसर गया। उसी तरह का सन्नाटा प्रयागराज जंक्शन पर रविवार 20 अक्तूबर को भी दिखेगा। क्योंकि यहां रविवार को किसी भी यात्री ट्रेन की आवाजाही नहीं होगी।

प्रयागराज जंक्शन पर इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग की स्थापना की जा रही है। संक्षिप्त में इसे ईआई भी कहा जाता है। ट्रेनों के सुगम आवागमन में ईआई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे स्थापित करने का कार्य बीते कई दिन से चल रहा है, लेकिन रविवार को इसका मुख्य कार्य होगा। इसी वजह से एक भी ट्रेन की आवाजाही नहीं होगी।प्रयागराज जंक्शन पर इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग की स्थापना की जा रही है। संक्षिप्त में इसे ईआई भी कहा जाता है। ट्रेनों के सुगम आवागमन में ईआई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे स्थापित करने का कार्य बीते कई दिन से चल रहा है, लेकिन रविवार को इसका मुख्य कार्य होगा। इसी वजह से एक भी ट्रेन की आवाजाही नहीं होगी।

रविवार को यहां आने वाली सभी ट्रेनें रेलवे ने डायवर्ट कर दी है। अधिकांश का संचालन छिवकी के रास्ते होगा, तो कुछ ट्रेनें वाया फाफामऊ संचालित होंगी। वहीं, जंक्शन से शुरू होने वाली ट्रेनें सूबेदारगंज और प्रयागराज छिवकी से संचालित होंगी। इस दौरान जंक्शन पर रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) हटाकर इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग स्थापित करने का कार्य सुबह पांच बजे शुरू हो जाएगा जो रात नौ बजे तक चल सकता है।

एनसीआर के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। इसी वजह से रेलवे द्वारा मेगा ब्लॉक लिया गया है। तमाम ट्रेनों का संचालन प्रयागराज छिवकी एवं सूबेदारगंज से ही होगा।
ईआई होने से और बेहतर हो जाएगा ट्रेनों का संचालन

रेलवे में इंटरलॉकिंग सिस्टम सिग्नल देने में उपयोग होने वाली महत्वपूर्ण प्रणाली है। आसान भाषा में समझें तो यह ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक सिस्टम है। रेलवे का इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग एक प्रणाली है जो रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की सुरक्षा और एक सुगम गति प्रदान करने के लिए उपयोग होती है। यह इंजीनियरिंग सिस्टम है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटर नेटवर्क के इस्तेमाल से ट्रेनों के बीच ट्रांजिशन को कंट्रोल किया जाता है।

इसके जरिए रेलवे स्टेशनों, जंक्शनों और सिग्नलिंग बिंदुओं पर ट्रेन की आवाजाही को सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए फंक्शन कंट्रोल किए जाते हैं। इंटरलॉकिंग ही ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करती है कि स्टेशन पर यह लाइन क्लियर है। इंटरलॉकिंग का मतलब है कि अगर लूप लाइन सेट है,तो लोको पायलट को मेन लाइन का सिग्नल नहीं जाएगा। वहीं अगर मेन लाइन सेट है,तो लूप लाइन का सिग्नल नहीं जाएगा(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *