(लखनऊ) 27अक्टूबर,2024.
उत्तर प्रदेश में प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा एक ही स्थान में उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, आगरा, गौतमबुद्धनगर व बुंदेलखंड के एक जिले में स्पेशल एजुकेशन जोन (एसईजेड) विकसित किया जाएगा। यहां शैक्षिक संस्थान बनेंगे।
लखनऊ के मोहान रोड पर प्रदेश के पहले एसईजेड की स्थापना होगी। यहां 785 एकड़ क्षेत्र में एजुकेशन सिटी का विकास किया जाएगा और विभिन्न शैक्षिक संस्थानों की स्थापना होगी। 103 एकड़ क्षेत्र में काम शुरू हो गया है। यह एसईजेड एक मॉडल की तरह काम करेगा। इसकी तर्ज पर प्रदेश के अन्य पांच जिलों में भी एसईजेड की स्थापना होगी। गोरखपुर व बुंदेलखंड में भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी, आगरा में आरबीएस कॉलेज तथा गौतमबुद्धनगर में गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की खाली जमीन को इसके लिए प्रयोग में लाया जाएगा। सभी एसईजेड में अधिकतम आठ तथा कुल 40 शैक्षिक संस्थानों की स्थापना होगी।
कौशल विकास व तकनीकी शिक्षा के कोर्स भी होंगे:
एसईजेड को लेकर विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इनको प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के आधुनिक हब के तौर पर विकसित किया जाएगा। यहां कौशल विकास व तकनीकी शिक्षा के छोटे-छोटे कोर्स भी करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए नई उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है। इससे विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध संस्थानों, पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या बढ़ेगी और उच्च शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। इसके तहत प्रदेश सरकार एक मंडल एक विश्वविद्यालय के बाद अब एक जिला एक विश्वविद्यालय के लक्ष्य को पूरा करने पर फोकस करेगी।-योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री.
बेहतर होगा पढ़ाई का माहौल:
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश को दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में शिक्षा क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा। इसे देखते हुए शिक्षा क्षेत्र को बाकायदा इंडस्ट्री के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। इसको बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 लाई गई है। प्रदेश को विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का हब बनाया जाएगा।
आकांक्षात्मक जिलों में खुलेंगे विवि:
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल ने बताया कि जहां विश्वविद्यालय नहीं हैं, विशेष तौर पर आकांक्षात्मक जिलों में 42 विश्वविद्यालयों व टॉप शैक्षिक संस्थान की स्थापना होगी। इन्हें बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के तौर पर विकसित किया जाएगा। एनआईआरएफ टॉप-50 रैंकिंग वाले तथा विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए स्टांप ड्यूटी में छूट, पूंजीगत अनुदान समेत कई और सुविधाएं भी दी जाएंगी।(साभार एजेंसी)