श में यूपी बना पहला प्रदेश,पेटेंट फीस से मिलेगा छुटकारा

UP / Uttarakhand

(लखनऊ UP)16अप्रैल,2025.

उत्तर प्रदेश के स्टार्टअप को अब अपने पेटेंट की चिंता नहीं करनी होगी। इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी। देश में यूपी पहला राज्य बन गया है। जहां अब पेटेंट कराने के लिए किसी को परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब स्टार्टअप करने वाले अपने उत्पाद का आसानी से पेटेंट करा सकेंगे, जिससे देश में उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर पहुंच सकेगा। इसके साथ ही स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं के आइडिया को भी अब एक लाख रुपये दिए जाएंगे। जिससे वह अपने आइडिया का प्रोपो टाइप तैयार कर सकें।

उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप व इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी में बदलाव किए गए हैं। इनोवेशन हब यूपी के हेड महिप सिंह ने बताया कि छात्रों के लिए पॉलिसी में लागू कर दी गई है। जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक स्टार्टअप को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शुरू हो रहे स्टार्टअप लोगों के जीवन को आसान बना रहे हैं। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि पहले पेटेंट कराने के लिए 80 हजार रुपये देने पड़ते थे।

पोर्टल के जरिए कराना होना रजिस्ट्रेशन:
उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए कदम उठाएं जा रहे हैं। स्टार्टअप आइडिया देने पर भी एक लाख रुपये की मदद की जा सकेगी। इसके लिए युवाओं को इनोवेशन हब के पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। महिप सिंह ने बताया कि पांच से छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। जो आइडिया के वैलिड होने के पुष्टि करेगा। इसके बाद उनकी ग्रांट को मंजूरी दे दी जाएगी और वह प्रोपो टाइप तैयार कर सकेंगे।

प्रदेश को देश में नंबर एक बनाना लक्ष्य:
स्टार्टअप इन यूपी के तहत प्रदेश को देश में नंबर एक पायदान पर लाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट में महाराष्ट्र स्टार्टअप स्थापित करने के मामले में नंबर एक पर था। वहीं प्रदेश में 13 हजार से अधिक स्टार्ट अप स्थापित किए जा चुके हैं और यूपी चौथे स्थान पर है। प्रदेश को रैंकिंग में नंबर एक पायदान पर लाने के लिए तेजी से कार्य हो रहे हैं। इसके तहत ही पेटेंट को निशुल्क कराने का निर्णय लिया गया है। अब तक पेटेंट कराने के बाद कुछ रिफंड मिलता था,लेकिन वह कब आयेगा किसी को भी पता नहीं रहता था। नई पॉलिसी में कोई फीस नहीं लगेगी। स्टार्टअप व इनोवेशन करने वाले युवा तेजी से अपने उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए आगे आएंगे।

इन निजी संस्थानों में भी इन्क्यूबेशन सेंटर बने:
एकेटीयू से संबद्ध जीएल बजाज नोएडा, आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज ग्रेटर नोएडा, एनआईईटी ग्रेटर नोएडा, केआईईटी गाजियाबाद, एकेजी गाजियाबाद, एबीएसईसी गाजियाबाद और एमआईईटी मेरठ जैसे संस्थानों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हैं। जहां के स्टार्टअप को इनोवेशन निधि के जरिए ग्रांट दी जाती है(साभार एजेंसी)

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