(लखनऊ UP)19अप्रैल,2025.
उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार महत्वपूर्ण योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीईटीडीबी) द्वारा 18 ईको टूरिज्म विशिष्ट शोधकर्ता (फेलो) और एक कार्यक्रम समन्वयक तैनात किए जाएंगे। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ईको पर्यटन को बढ़ावा देना है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सामने हाल ही में इसकी विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की गई है। शासन की हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। चयनित फेलो को प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेय और 10 हजार रुपये यात्रा भत्ता दिया जाएगा। इस योजना पर सालाना 91.20 लाख रुपये खर्च होंगे। फेलो एक साल के लिए चुने जाएंगे। इसे आवश्यकता के आधार पर एक और साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा। 18 फेलो की नियुक्ति पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और वन विभाग के प्रमुख सचिव की आपसी सहमति से तय किया जाएगा।
कार्यक्रम के तहत चयनित फेलो और समन्वयक ईको टूरिज्म से संबंधित योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कराने, स्थानीय समुदायों और हितधारकों को प्रशिक्षण और जागरूक करेंगे। साथ ही ईको टूरिज्म स्थलों के प्रचार-प्रसार, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ तालमेल बनाने, पर्यटन से संबंधित डेटा को सुव्यवस्थित करने, चल रही परियोजनाओं की निगरानी आदि से जुड़े काम भी करेंगे।
यह होगी फेलो के लिए योग्यता
इसके लिए उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता न्यूनतम 60 फीसदी अंक के साथ पर्यावरण विज्ञान, वन्यजीव विज्ञान, वानिकी, पारिस्थितिकी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री। इसके साथ ही एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल और एमएस पावरपॉइंट की जानकारी, हिंदी व अंग्रेजी भाषा में प्रवीणता। उम्मीदवारों की आयु न्यूनतम 23 साल और अधिकतम 40 साल होनी चाहिए। चयन की पूरी प्रक्रिया उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा आयोजित की जाएगी। इसके लिए एक चयन समिति बनाई जाएगी।(साभार एजेंसी)