(लखनऊ UP)25अप्रैल,2025.
उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को जहां अप्रैल माह के बिल में 1.24 फीसदी अधिक बिजली मूल्य का भुगतान करना पड़ रहा है वहीं मई माह में करीब दो फीसदी कम भुगतान करना पड़ेगा। इस संबंध में पावर कार्पोरेशन ने आदेश जारी कर दिया है। यह स्थिति आगामी माह में भी निरंतर बनी रहेगी। क्योंकि अब पेट्रोल- डीजल और कोयले के मूल्य के आधार पर ईंधन अधिभार शुल्क तय किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में पहले ईंधन अधिभार शुल्क टैरिफ में ही तय (फिक्स) था, लेकिन मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 में बदलाव किया गया। इसके तहत वर्ष 2029 तक अब हर माह ईंधन अधिभार शुल्क अलग- अलग होगा। जनवरी माह का आकलन करने के बाद पावर कार्पोरेशन ने अप्रैल माह में 1.24 फीसदी बिजली दर बढ़ाकर वसूलने का आदेश दिया था। बुधवार को फरवरी माह के आकलन के बाद मई माह में बिजल वसूली के संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। फरवरी माह में ईंधन अधिकार शुल्क में लगभग 170 करोड़ का फायदा हुआ है। ऐसे में मई माह के बिल में दो फीसदी की कमी की जाएगी। इससे प्रदेश के करीब 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं को फायदा होगा। मई माह में बिल वसूली में दो फीसदी दरें कम करने के संबंध में बिलिंग सॉफ्टवेयर विंग को आदेश जारी कर दिया गया है।
घेराबंदी के बाद पहली बार कम हुई दरें:
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कार्पोरेशन बिजली दरें बढ़ाने की फिराक में रहता है। अप्रैल माह में गुपचुप तरीके से 1.24 फीसदी दरें बढ़ा दी गई थीं, लेकिन फरवरी माह के आंकलन पर परिषद ने नजर रखी और हर स्तर पर घेराबंदी की, जिसका नतीजा है आकलन में कहीं से गड़बड़ी नहीं होने पाई और दो फीसदी दरें घटानी पड़ी है। निगमों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ सरप्लस (बकाया) निकल रहा है।