पांच जून के बाद भक्तों के लिए खुल जाएंगे रामलला परिसर के दूसरे मंदिर भी

UP / Uttarakhand

(अयोध्या UP)30अप्रैल,2025.

अयोध्या राम मंदिर में पांच जून के बाद भक्तों के लिए दूसरे मंदिर भी खुल जाएंगे। जून 2025 तक राम मंदिर के पूर्ण निर्माण की बात कही जा रही है।

अयोध्या के राम मंदिर में श्रद्धालु 6 जून से राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मूर्तियों की स्थापना 23 मई को कर दी जाएगी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि स्थापना के लिए प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तरह कोई आयोजन नहीं किया जाएगा। रामलला का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु 6 जून से राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार का दर्शन कर सकेंगे।

एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी अब राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इसके लिए भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियां अप्रैल के अंत तक अयोध्या पहुंच जाएंगी। इन मूर्तियों का निर्माण सफेद संगमरमर से जयपुर में किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 6 जून तक राम मंदिर का द्वितीय तल भी बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं, मंदिर के पूर्ण निर्माण के बाद अहाते की दीवारों का निर्माण करवाया जाएगा। 6 जून को राम दरबार के अलावा, मंदिर परिसर में बने महर्षि वाल्मीकि मंदिर के साथ ही सात अन्य मंदिरों को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

अयोध्या में स्थापित होगी 108 फुट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति
रामनगरी में जल्द ही 108फुट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति स्थापित होने जा रही है। इसके अलावा चांदी की राम दरबार की मूर्ति भी स्थापित होगी। यह मूर्ति पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित मौनी बाबा क्षेत्र में श्री रामकृष्ण कृपा धाम में लगेगी। 2700 वर्गमीटर में भव्य आश्रम व मंदिर निर्मित किया जाएगा।

श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट की ओर से इस मंदिर का निर्माण किया जाएगा। ट्रस्ट के पदाधिकारियों की एक बैठक श्रीरामबल्लभाकुंज में अधिकारी राजकुमार दास की अध्यक्षता में हुई। बैठक के बाद ट्रस्ट के प्रधान अध्यक्ष बृजेंद्र गुप्ता ने बताया कि भगवान शंकर की 108 फुट की मूर्ति के अलावा खाटू श्याम जी की मूर्ति स्थापित होगी। यह जयपुर में बन रही है। राधा कृष्ण, राम दरबार, रानी सती का मंदिर भी बनेगा। राम दरबार चांदी से बनेगा। इसका सिंहासन और दरवाजे चांदी के होंगे। ट्रस्ट के महामंत्री बालकृष्ण अग्रवाल ने बताया कि आश्रम में 125 कमरे होंगे।

इसके अलावा नव्य अयोध्या में 17 हजार 500 मीटर जमीन सरकार से मिली है। उसमें वृद्ध लोगों के लिए अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। आरंभ में एक मोबाइल डिस्पेंसरी चाूल होगी इसको भविष्य में विस्तार दिया जाएगा। अस्पताल में कैंसर के मरीजों और संतों के साथ गरीबों की खास तौर पर सेवा की जाएगी। बैठक में सत्यनारायण मित्तल, भगवान बंसल, एसके हवेलिया, आचार्य गणेश शर्मा, राजकुमार अग्रवाल, अरविंद मिश्र समेत अन्य मौजूद रहे।

चार द्वार दर्शाएंगे भारत की आध्यात्मिक विविधता:
राम मंदिर में चार प्रमुख द्वार बनाए जा रहे हैं। रामानुज, शंकराचार्य, माधवाचार्य और रामानंदाचार्य द्वार। ये द्वार भारत की भिन्न आध्यात्मिक परंपराओं की एकता के प्रतीक होंगे। मंदिर परिसर में दक्षिण भारत के संत त्यागराज, पुरंदर दास और गिलहरी की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी। गिलहरी की कांस्य प्रतिमा अंगद टीला परिसर में स्थापित की जाएगी, जो न केवल श्रद्धा का प्रतीक होगी, बल्कि एक सुंदर फोटो स्पॉट के रूप में भी विकसित की जाएगी।

शिव, गणपति और हनुमान जी के मंदिर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही सप्त ऋषि मंडप में महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज,शबरी और अहिल्या की मूर्तियां भी स्थापित होंगी। शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *