(श्रीनगर)30सितम्बर,2025
जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोर्ट्स (जेआईएम एंड डब्ल्यूएस) के प्रिंसिपल कर्नल हेम चंद्रा सिंह और सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेज के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास धूरिया ने 5129 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भर इतिहास रचा है। यह उड़ान माउंट मचोई-II के शिखर से भरी गई।
कर्नल चंद्रा सिंह ने बताया कि वह दोनों पहले ऐसे पैराग्लाइडर बने हैं जिन्होंने इस चोटी से उड़ान भरी हो। इससे पूर्व किसी ने भी यह साहसिक कार्य नहीं किया है। उन्हें गर्व है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद वह दोनों सफलतापूर्वक लैंडिंग कर पाए।
कर्नल सिंह और लेफ्टिनेंट धूरिया ने एडवांस्ड माउंटेनियरिंग कोर्स-53 के 71 प्रशिक्षुओं के साथ 25 सितंबर को सुबह 7 बजे उड़ान भरी और माउंट मचोई-II पर सफलतापूर्वक लैंड किया। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने 7:40 पर 5140 मीटर ऊंचे शिखर से पैराग्लाइडर लांच किए और तेज हवा के बावजूद संकीर्ण घाटी से गुजरते हुए 10 किमी की दूरी तय कर मीनामार्ग (जोजिला दर्रे) पर लैंडिंग की।
उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग उड़ान विस्तृत योजना, असाधारण पैराग्लाइडर संचालन कौशल और जेआईएम एंड डब्ल्यूएस, भारतीय सेना और स्पेशल फोर्सेज की सभी परिस्थितियों में जीतने की इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करती है।
यह उपलब्धि साहसिक खेलों के प्रति सेना की प्रतिबद्धता
कर्नल सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि साहसिक खेलों के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता और अपने कर्मियों में असाधारण कौशल विकसित करने पर उसके ध्यान को दर्शाती है। इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में साहसिक खेलों, विशेष रूप से पैराग्लाइडिंग के लिए नई ऊंचाइयां स्थापित करने नए रास्ते खुलेंगे। गौरतलब है कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए जेआईएम एंड डब्ल्यूएस और सेना ने इन अधिकारियों को हार्दिक बधाई दी है(साभार एजेंसी)