“बैकुंठ चतुर्दशी”,साल भर में एक बार होती है पूजा,बाबा विश्वनाथ को अर्पित किया तुलसीदल

UP / Uttarakhand

(वाराणसी UP)15नवम्बर,2024.

बैकुंठ चतुर्दशी पर हर और हरि का स्वरूप एकाकार हुआ। श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ को तुलसीदल और भगवान विष्णु को बेलपत्र समर्पित किया। इसके साथ ही धाम में विराजमान श्री हरि भगवान विष्णु के समस्त विग्रहों का पूजन-अर्चन हुआ। यह पूजा साल भर में एक बार होती है।

धाम स्थित शंकराचार्य चौक में वेद पारायण से अनुष्ठान शुरू हुए। मुख्य मंदिर परिसर में गर्भगृह एवं दंडपाणि विग्रह के मध्य विराजमान बैकुंठ जी के विग्रह पर सहस्त्रार्चन एवं राग-भोग आरती हुई। सुबह आराधना का प्रारंभ बेलपत्र व तुलसी चढ़ाकर बृजधाम मथुरा से पधारे संत कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज ने किया

उसके बाद मंदिर न्यास कार्यपालक समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्र ने भी तुलसी पत्र अर्पित कर महादेव की आराधना की। संपूर्ण पूजन का पौरोहित्य पं. वेंकट रमण घनपाठी ने किया।

बिदु माधव में मनी बैकुंठ चतुर्दशी:
मुख्य मंदिर परिसर में बी गेट सरस्वती द्वार प्रवेश के दाहिनी ओर सत्यनारायण के विग्रह पर शुक्ल यजुर्वेद के पुरुष सूक्त पाठ के उपरांत आरती हुई। मंदिर परिसर में ए गेट गंगा द्वार प्रवेश के दाहिनी ओर विराजमान बद्रीनारायण जी के विग्रह पर विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के उपरांत राग-भोग आरती हुई।

पूजन के यजमान मंडलायुक्त रहे। शुभारंभ विधायक नीलकंठ तिवारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दीप जलाकर किया। नीरज सिंह ने भजनों की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रद्धालु भाव विभोर होकर संगीत एवं नृत्य में सहभागी हो कर उत्सव में सम्मिलित हुए।

बिंदु माधव मंदिर में 30 हजार से अधिक भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। भक्तों ने भगवान शिव को तुलसी की माला व विष्णु जी को वेलपत्र चढ़ाया। पंचगंगा घाट स्थित बिंदु माधव मंदिर में कार्तिक मास भर अलग-अलग रूपों में शृंगार व पूजन होता है।

बैकुंठ चतुर्दशी पर बांटे गए औषधीय पौधे:
बैकुंठ चतुर्दशी पर प्रबोधिनी फाउंडेशन की ओर से 1001 औषधीय पौधे बांटे गए। पंचगंगा घाट से सिंधिया घाट पर 500 आंवला और श्रीफल के मुरब्बे बांटे गए। तुलसी, गिलोय, पारिजात, श्रीफल, आंवला, नीम, पीपल, सहजन,अर्जुन, जामुन और आम के पौधे दिए गए(साभार एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *