महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर रहेगा विशेष ध्यान,आग की घटनाओं पर दो मिनट में पहुंचेगी टीम

UP / Uttarakhand

(प्रयागराज UP)16नवम्बर,2024.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ 2025 को लेकर सरकार की तरफ से तैयारियां जोरों पर हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसको देखते हुए अग्निशमन विभाग को भी सतर्क किया गया है। दमकलकर्मी हर समय मेला परिसर में सक्रिय रहेंगे। मॉनिटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। यह टीम महज दो मिनट में रिस्पॉन्स करेंगी। ताकि किसी भी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके।

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है।

दो मिनट के अंदर पहुंचेंगी दमकल की गाड़ियां:
वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए पांच हजार स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं। जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे। यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकंड में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी।

सात हजार से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे:
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं।

फायर रिजर्व वाटर टैंक्स का होगा उपयोग:
इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था। जबकि, इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

2019 में भी रहे चाक चौबंद प्रबंध:
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां छह लोगों की जान गई थी। 15 बर्न इंजरीज हुई थीं। वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए। इससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है।

इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू:
इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है(साभार एजेंसी)

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